अरुण यह मधुमय देश हमारा – Arun Yah Madhumay Desh Hamara

जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कविता “अरुण यह मधुमय देश हमारा” का केन्द्रीय भाव स्पष्ट करें। जयशंकर प्रसाद आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। छायावाद के आलोक स्तंभों में प्रसाद का विशिष्ट स्थान है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसाद जी ने कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध सभी विधाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रसाद […]Read More

हरिवंश राय बच्चन की अग्निपथ कविता का प्रतिपाद्य | Harivansh Rai Bachchan Ki Agneepath Kavita Ka Pratipadya

हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य की उत्तर-छायावादी कविता की व्यक्तिवादी काव्यधारा के आलोक स्तंभ हैं। मानव भावना, अनुभूति, प्राणों की ज्वाला तथा जीवन संघर्ष के आत्मनिष्ठ कवि ने अपने काव्य द्वारा हिंदी साहित्य का ही नहीं अपितु विश्व साहित्य का भी सौंदर्यवर्धन किया है। जीवन की मधुरता और कटुता का सम्मान करने वाले बच्चन ने […]Read More

कबीर संत काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ | Kabir Sant Kavya Ki Pramukh Pravrttiyaan

Sant Kavya: हिंदी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल के पूर्व भाग को भक्तिकाल की संज्ञा दी गई हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने इसकी समय सीमा संवत् 1375 – संवत् 1700 तक स्वीकार की है। भक्तिकाल हिंदी साहित्य का “स्वर्णयुग ” है। भक्तिकाल की दो प्रमुख काव्यधाराएँ हैं – निर्गुण काव्यधारा सगुण काव्यधारा निर्गुण के अंतर्गत […]Read More

बालकृष्ण भट्ट कृत ईमानदारी निबंध का प्रतिपाद्य – Balakrishan Bhatt Krit Eemaanadaari Nibandh Ka Pratipaady

बालकृष्ण भट्ट स्वतंत्र चेतना और प्रगतिशील विचारों के निबंधकार हैं। वे हिंदी नवजागरण के ऐसे जागरूक रचनाकार हैं जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से देश के उद्धार के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों से लोहा लिया था। वे स्वयं कहते हैं कि “मेरा उद्देश्य देश की भलाई है इसलिए मैं प्रकट हुआ हूं ,मैं चाहता हूं कि […]Read More

उत्तर छायावाद : परिवेश और प्रवृतियां | Uttar Chhayavaad Parivesh Aur Pravrtiyaan

हिंदी डी ० सी ० – 1 सेमेस्टर – ३ हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल) डी.यू., बी ए, हिंदी (ऑनर्स) उत्तर छायावाद : परिवेश और प्रवृतियां अध्याय लेखक: डॉ. अनु शर्मा कॉलेज / विभाग – तदर्थ प्रवक्ता, लक्ष्मी बाई कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय उत्तर छायावाद: परिवेश और प्रवृत्तियाँ विषय प्रवेश उत्तर-छायावाद : एक परिचय छायावाद […]Read More