बच्चन के अतिरिक्त लेखक को अन्य किन लोगों का तथा किस प्रकार का सहयोग मिला?
तेजबहादुर सिंह – ये लेखक के बड़े भाई है ये आर्थिक तंगी के दिनों में उन्हें कुछ रूपये भेजकर उनका सहयोग करते है I
कवि नरेन्द्र शर्मा – कवि नरेन्द्र शर्मा लेखक के मित्र है एक दिन वे लेखक के लिए बच्हन स्टूडियो में आये थे छुट्टी होने के कारण लेखक नही मिल सके थे तब वे उनके नाम एक बहुत अच्छा और प्रेरक नोट छोड़ गए थे I
शारदाचरण उकील – ये कला शिक्षक है इनसे लेखक ने पेंटिग की शिक्षा ली थी I
बच्चन के पिता – जब लेखक इलाहाबाद में आकर बस गया था उन्हें स्थानीय अभिभावक की आवश्यकता है तब हरिवशराय बच्चन के पिता ने उनका अभिभावक बन्ना स्वीकार किया था I
सुमित्रानंदन पंत – हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पत ने लेखक को इडियन प्रेस से अनुवाद का काम दिला दिया था I
ससुराल पक्ष – जिन दिनों विधुर लेखक आजीविका कमाने के लिए सघर्ष कतर रहा है तब ससुराल वालो ने उसे अपनी दुकान पर कम्पाउडरी
का प्रशिक्षण दिया था I
अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं- मेरे पास।’-मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए…अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?
लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में-
(क) लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए।
(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
सच, अकेलेपन का मज़ा ही कुछ और है’-इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’-इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं
डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है-पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।
‘विस्थापन की समस्या’ पर एक अनुच्छेद लिखिए।
लेखक के हिंदी लेखन में कदम रखने का क्रमानुसार वर्णन कीजिए।
लेखक ने बच्चन के व्यक्तित्व के किन-किन रूपों को उभारा है?
सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?
रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है?
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?
ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए…अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?
अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं- मेरे पास।’-मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
इस एकांकी का क्या उद्देश्य है? लिखिए।
लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में-
(क) लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए।
(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
अपनी कल्पना से लिखिए कि बच्चन ने लेखक के लिए ‘नोट’ में क्या लिखा होगा?