साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने क्या-क्या युक्तियाँ अपनाईं?
साँप का ध्यान बटाने के लिए लेखक ने निम्न युक्तिया अपनाई थी उसने साँप के पास चिठ्ठी को डंडे से उठाना चाहा मगर साँप उस पर फुकार कर आया साँप का स्थान बदलते ही लेखक चिठ्ठी उठा ली फिर उसने डडा उठाने के लिए उस पर मिट्ठी फेकी जिससे साँप का ध्यान फिर भटका और लेखक ने झट से डडा उठा लिया था I
प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’का आशय स्पष्ट कीजिए।
सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिको के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय किन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ? समाज-कल्याण के कार्यों में उनका क्या योगदान था?
इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?
गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?
पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?
‘साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं’–यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?
इन कृतियों के बीच अपने को कितना भरा-भरा महसूस करता हूँ’-को आशय स्पष्ट कीजिए।
गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?
माँ लेखक की स्कूली पढ़ाई को लेकर क्यों चिंतित रहती थी?
स्कूल से ईनाम में मिली अंग्रेजी की पुस्तकों ने किस प्रकार लेखक के लिए नई दुनिया के द्वार खोल दिए?
सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
इन कृतियों के बीच अपने को कितना भरा-भरा महसूस करता हूँ’-को आशय स्पष्ट कीजिए।
इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?
त्रिपुरा ‘बहुधार्मिक समाज’ का उदाहरण कैसे बना?
मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं’–का आशय स्पष्ट कीजिए।
मेरी रीढ़ में एक झुरझरी-सी दौड़ गई’-लेखक के इस कथन के पीछे कौन-सी घटना जुड़ी है?
पाठ के संदर्भ में उनाकोटी में स्थित गंगावतरण की कथा को अपने शब्दों में लिखिए।
गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
“मैं चलता हूँ! अब आपकी बारी है।”- यहाँ पटेल के कथन का आशय उधृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।