Question 6

निम्नलिखित पंक्तियों के काव्य-सौंदर्य को उद्घाटित कीजिए:
(क) ठंडी होती दिनचर्या में, जीवन की गर्माहट
(ख) थोड़ा-सा विश्वास थोड़ा-सी उम्मीद थोड़े-से सपने आओ, मिलकर बचाएँ।                                   

Answer

(क) इन पक्तियों के द्वारा कवयित्री ने आदिवासी समाज दिनचर्या में आई ठडक की और इशारा किया था कवयित्री ने दिनचर्या की नीरसता को दूर कर गर्माहट अथार्त उमग उत्साह और क्रियाशील की आवश्यकता पर बल दिया था I                                                                       
(ख) प्रस्तुत पक्तियों के जरीए कवयित्री का आशय यह था कि आज के इस अविश्वास भरे दोर में अभी भी आपसी विश्वास उमीदे और सपने बचाए जाते थे I थोडा -सा थोड़ी – सी थोड़े – से तीनो प्रयोग से थोड़े – से अंतर के साथ एक अर्थ के वाहक थे इनके कारण लय का समावेशसा प्रतीत होता था I

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