Question 2

भाव स्पष्ट कीजिए
प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है,
हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।

Answer

 प्रसग प्रस्तुत पक्ति प्रसिद्ध कवि गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित छाया मत छूना नामक कविता से ली गई थी I भाव- भाव यह है बडपन का अहसास महान होने का सुख भी एक छलावा था मनुष्य सदेव प्रभुता व बड़प्पन का अहसास महान होने का सुख भी एक छलावा था मनुष्य सदेव प्रभुता व बड़प्पन के कारण अनेको प्रकार के भ्रम में उलझ जाता था जिससे हज़ारो शकाओ का जन्म होता था I

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