Question 6

कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए।

Answer

तारसप्तक में गायन करते समय मुख गायक का स्वर बहुत ऊँचाई तक पहुच जाता था जिसके कारण स्वर के टूटने का आभास होने लगता था और इसी कारण वह अपने कठ से ध्वनि का विस्तार करने में कमजोर होता था I

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