Question 2

(क) तू न थमेगा कभी तू ने मुड़ेगा कभी

(ख) चल रहा मनुष्य है। अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, पथपथ

Answer

(1) कवि का कहना था इस जीवन के अग्निपथ पर तू निडर होकर चल और न तू कभी थकना न ही कभी पीछे मुड़कर देखना था कि मेने क्या कोय क्या पाया था I

(2) कवि के अनुसार अपने कठिन जीवन पथ पर मनुष्य आंसू पसीने और खून से लथपथ होकर आगे बढ़ रहा था और निरंतर बढ़ रहा था I

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