A:
(1) क्योकि माँ नही चाहती थी कि गोरेया का घर उजड़ जाता इसलिए वे पिताजी की मदद नही कसर रही थी और गोरेया भी पिताजी के बाहर निकालने की कोशिश को खेल समझ रही थी इसलिए वे आवाज सुनकर घोसले में से गर्दन निकालकर बाहर झाकती थी और फिर घोसले में घुस जाती थी I
(2) माँ इसलिए परेशान थी कि यदि चिड़िया ने अंडे दिए होगे तो वे टूट सकते है और चिड़िया परेशान हो सकती है इसलिए उन्होंने पिताजी से गभीरता से कहा था चिड़िया को मत निकालो I
(3) पिताजी के इस कथन से माँ बिलकुल सहमत नही थी वे किसी का घर तोड़ने के पक्ष में नही थी उनके अनुसार अगर चिडियों का घर तोडा गया तो वे बेचारी कहा जाएगी और उनके बच्चो और अंडो का क्या होगा I
(4) जब पिताजी घोसला तोड़ने चले तो उसमें अंडे देखकर उन्होंने उसे वापस रख दिया फिर गोरेया की तरफ देखकर वे मुस्कुराने लगे थे क्योकि अब उन्हें पता चल चुका है कि किसी का घर तोडना उचित नही गोरेया बच्चो के होने पर कुछ दिन ची ची करती थी उसके बाद खुद ही चिड़िया के साथ उड़कर कही और चले जाते थे I