कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे गरीबी की विवशता झाँक रही हो।
1. रामचंद्र को खाने में दो रोटी देती थी और यह जानते हुए भी कि घर में खाने को कम था वह रामचंद्र से बार बार और रोटी लेने के लिए पूछती थी I
2. मोहन बदमाश था परन्तु उस भी यह ज्ञात था कि घर में खाने को नही था और माँ दिखावा कर रही थी इसलिए वह भी रोटी लेने से इंकार कर देता था I
3. चारपाई पर बीमार बच्चा बुखा है और हो रहा है और सिद्धेश्र्वरी उसे भी एक रोटी दे देती थी और सिद्धेश्र्वरी के लिए कुछ नही बचता वह बस पानी ही पीकर अपना पेट भर लेता था I
'उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।'- इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
भव्य पुरुष ने कहा- 'जहाँ अंधकार है वहीं प्रकाश है।' इसका क्या तात्पर्य है?
‘खानाबदोश’ कहानी में आज के समाज की किन-किन समस्याओं को रेखांकित किया गया है? इन समस्याओं के प्रति कहानीकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
'ईदगाह' कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है।
’अन्न ना भावे नींद ना आवे’ का क्या कारण हैं? ऐसे स्थिति क्यों हो गयी हैं?
पठित पाठ के आधार पर सूरदास के काव्य की विशेषताएँ बताइए।
'मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।' इस कथन के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि 'धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है।'
'सपना' कवित्त का भाव-सौंदर्य लिखिए।
उसकी आँखों में पानी भरा था। जैसे उनमें एक शिकायत थी, पक्षपात के प्रति तिरस्कार था।' क्यों?
फुले दंपति ने, स्त्री समस्या के लिए जो कदम उठाया था, क्या उसी का अगला चरण, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', कार्यक्रम है?
मानो अभी तक भट्टे की ज़िन्दगी से तालमेल क्यों नहीं बैठा पाई थी?
ज्योतिबा फुले का दांपत्य जीवन किस प्रकार आधुनिक दांपत्य को प्रेरणा देता है?
दरबार में गुणग्राहकता और कला की परख को किस प्रकार अनदेखा किया जाता है?
(क) निशा काल से चिर-अभिशापित/बेबस उस चकवा-चकई का
(ख) अलग नाभि से उठने वाले/निज के ही उन्मादक परिमल-
चाचा जानकी और लाल के प्रति सहानुभूति तो रखता है परन्तु वह डरता भी हैं। उनका यह डर किस बात का हैं तथा क्यों?
“हिन्दू कि हिंदूवाई देखी, तुर्कन कि तुरकाई”के माध्यम से कबीर क्या कहना चाहते हैं? वे उनकी किन विशेषताओं कि बात करते हैं।
जसदेव की पिटाई के बाद मज़दूरों का समूचा दिन कैसा बीता?
ईटों को जोड़कर बनाए चूल्हे में जलती लकड़ियों की चीट – पिट जैसे मन में पसरी दुश्चिन्तओ और तकलीफों की प्रतिध्वनियाँ थी जहाँ सब कुछ अनिश्चित था। ‘ -यह वाक्य मानव की किस मनोस्थिति को उजागर करता है ?
अंदर का भय कवि के नयनों को सुनहली भोर का अनुभव क्यों नहीं होने दे रहा है?
संध्या के समय प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं, कविता के आधार पर लिखिए।