(क) आती नहीं उषा, बस केवल
(ख) करवट नहीं बदलता है तम,
इसका उत्तर आप स्वय करे I
कविता के आधार पर बताइए कि कवि की दृष्टि में बाहर का अँधेरा भीतर दुखःस्वप्नों से अधिक भयावह क्यों है?
जागृति नहीं अनिद्रा मेरी,
नहीं गई भव-निशा अँधेरी!
उक्त पंक्तियों में 'जागृति' 'अनिद्रा' और 'भव-निशा अँधेरी' से कवि का सामाजिक संदर्भों में क्या अभिप्राय है?
अंदर का भय कवि के नयनों को सुनहली भोर का अनुभव क्यों नहीं होने दे रहा है?
कवि चेतन से फिर जड़ होने की बात क्यों कहता है?
'अंतर्नयनों के आगे से शिला न तम की हट पाती है' पंक्ति में 'अंतर्नयन' और 'तम की शिला' से कवि का क्या तात्पर्य है?
कवि को किस प्रकार की आस रातभर भटकाती है और क्यों?
अंधकार भरी धरती पर ज्योती चकफेरी क्यों देती है? स्पष्ट कीजिए।
पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि 'इस अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए वहीं बहुत कुछ है क्यों कहा गया है?
“अरे इन दोहून रह न पायी” साईं कवि का क्या आशय है?
‘खेलने में को कोको गुसैयाँ’ पद में कृष्ण और सुदामा के बीच किस बात पर तकरार हुई?
'हँसी की चोट' सवैये में कवि ने किन पंच तत्त्वों का वर्णन किया है तथा वियोग में वे किस प्रकार विदा होते हैं?
पहले पद में कवि ने किस ऋतु का वर्णन किया है?
संध्या के समय प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं, कविता के आधार पर लिखिए।
'जाग तुझको दूर जाना' कविता में कवियत्री मानव को किन विपरीत स्थितियों में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर रही है?
इस कविता में बादलों के सौंदर्य चित्रण के अतिरिक्त और किन दृश्यों का चित्रण किया गया है?
मगध के माध्यम से 'हस्तक्षेप' कविता किस व्यवस्था की ओर इशारा कर रही है?
घर एक परिवार, परिवार में पाँच सदस्य हैं, किंतु कवि पाँच सदस्य नहीं उन्हें पाँच जोड़ी आँखें मानता है। क्यों?
'रिश्ते हैं; लेकिन खुलते नहीं'– कवि के सामने ऐसी कौन सी विवशता है जिससे आपसी रिश्ते भी नहीं खुलते हैं?
'उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए।'- इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
कहानी के सबसे जीवंत पात्र के चरित्र की दृढ़ता का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
खेल में रूठने वाले साथी के साथ सब क्यों नहीं खेलना चाहते?
“कामिन को हैं बालाम प्यारा, जो प्यासे को नीर रे” से कवि का क्या आशय हैं स्पष्ट कीजिये?
(क) मगध को बनाए रखना है, तो, ............. मगध है, तो शांति है।
(ख) मगध में व्यवस्था रहनी ही चाहिए .................. क्या कहेंगे लोग?
(ग) जब कोई नहीं करता ................ मनुष्य क्यों मरता है?
(क) छोटे-छोटे मोती जैसे ............... कमलों पर गिरते देखा है।
(ख) समतल देशों में आ-आकर ........... हंसों को तिरते देखा है।
(ग) ऋतु वसंत का सुप्रभात था ............. अगल-बगल स्वर्णिम शिखर थे।
(घ) ढूँढ़ा बहुत परंतु लगा क्या ............. जाने दो, वह कवि-कल्पित था।
(क) कोई छींकता तक नहीं
(ख) कोई चीखता तक नहीं
(ग) कोई टोकता तक नहीं
(क) साँसनि ही ............ तनुता करि।
(ख) झहरि ................ गगन में।
(ग) साहिब अंध .............. बाच्यो।
(क) निशा काल से चिर-अभिशापित/बेबस उस चकवा-चकई का
(ख) अलग नाभि से उठने वाले/निज के ही उन्मादक परिमल-