चाँदनी रात की सुंदरता को कवि ने किन-किन रूपों में देखा है?
1. पूर्णिमा की रात में धरती और आकाश में चादंनी की आभा इस तरह फेली थी जेसे स्फटिक नामक शिला से निकलने वाली दुधिया रोशनी संसार रुपी मंदिर पर ज्योतित होती थी I
2. देव की नजरे जहां तक जाती थी उन्हें वहां तक बस चादनी ही चादनी नज़र आती थी यू प्रतीत होता था मानो धरती पर दही का समुद्र हिलोरे ले रहा था I
3. कवि देव जब चादनी रात में आकाश को निहारते है तो उन्हें ऐसा
भ्रम होता ठ मानों आकाश के सारे तारे नायिका का वेश धारण कर अपनी सुन्दरता की आभा को समस्त आकाश में बिखरे रहते थे I
पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते हैं कि
(क) बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे।
(ख) वे वास्तविक अर्थों में एक सच्चे इनसान थे।
लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताईं ?
पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।
पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।
इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए
बाल ब्रह्मचारी अति कोही बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही॥ भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही ।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा॥
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर ॥
साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की’- कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
भाव स्पष्ट कीजिए
(क)बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥ पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन पूँकि पहारू।
(ख) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं ।। देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।
(ग) गाधिसूनु कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ। अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ ।।
आशय स्पष्ट कीजिए
(क) ‘फटा सुर न बख्। लुंगिया का क्या है, आज फटी है, तो कल सी जाएगी।
(ख) ‘मेरे मालिक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।’
साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की’- कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?
पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।
इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया?
प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद’ – इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करते हुए बताएँ कि इसमें कौन-सा अलंकार है?
भाव स्पष्ट कीजिए
(क)बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥ पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन पूँकि पहारू।
(ख) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं ।। देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।
(ग) गाधिसूनु कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ। अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ ।।
आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे?
प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें।