जसदेव ने मानो के हाथ का खाना क्यों नहीं खाया?
मानो और जसदेव के धर्म और जाति दोनों ही अलग है जसदेव ब्रह्मण है और समाज की कुरीतिया सब पर हावी है इसलिए जसदेव भी खाना खाने में हिचक रहा है और उसने बहाना बना दिया था कि उसे भूख नही थी I
'उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।'- इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
भव्य पुरुष ने कहा- 'जहाँ अंधकार है वहीं प्रकाश है।' इसका क्या तात्पर्य है?
‘खानाबदोश’ कहानी में आज के समाज की किन-किन समस्याओं को रेखांकित किया गया है? इन समस्याओं के प्रति कहानीकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
'ईदगाह' कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है।
’अन्न ना भावे नींद ना आवे’ का क्या कारण हैं? ऐसे स्थिति क्यों हो गयी हैं?
पठित पाठ के आधार पर सूरदास के काव्य की विशेषताएँ बताइए।
'मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।' इस कथन के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि 'धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है।'
'सपना' कवित्त का भाव-सौंदर्य लिखिए।
उसकी आँखों में पानी भरा था। जैसे उनमें एक शिकायत थी, पक्षपात के प्रति तिरस्कार था।' क्यों?
फुले दंपति ने, स्त्री समस्या के लिए जो कदम उठाया था, क्या उसी का अगला चरण, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', कार्यक्रम है?
लाला के मन में उठनेवाली दुविधा को अपने शब्दों में लिखिए।
उदाहरण देते हुए दोनों पदों के काव्य सौंदर्य और शिल्प सौंदर्य का वर्णन करें?
कबीर निर्गुण संत परम्परा के कवि हैं और ये पद (बालम आओ हमारे गेह रे)साकार प्रेम क़ी और संकेत करता है अपने विचार प्रस्तुत करें?
कस्तूरी मृग के अपने पर ही चिढ़ने के क्या कारण हैं?
निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(क) कई बार यही क्रिया होती है ............. आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।
(ख) बुढ़िया का क्रोध ......... स्वाद से भरा हुआ।
'गूँगा दया या सहानुभूति नहीं, अधिकार चाहता था'- सिद्ध कीजिए।
'व्यंग्य विधा में भाषा सबसे धारदार है।' परसाई जी की इस रचना को आधार बनाकर इस कथन के पक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए।
बस्ती के छोटे से गाँव के अवसाद को किन-किन उपकरणों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है?
इस देश मे अनेक धर्म, जाति, मजहब और सम्प्रदाय के लोग रहते थे कबीर हिन्दू और मुसलमान कि ही बात क्यों करते थे?
'मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।' इस कथन के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि 'धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है।'