Question 7

(क) निशा काल से चिर-अभिशापित/बेबस उस चकवा-चकई का

बंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें/उस महान सरवर के तीरे
शैवालों की हरी दरी पर/प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।


(ख) अलग नाभि से उठने वाले/निज के ही उन्मादक परिमल-

के पीछे धावित हो-होकर/तरल तरुण कस्तूरी मृग को
अपने पर चिढ़ते देखा है।

Answer

इसका उत्तर आप स्वय दे

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