Question 1

जाति प्रथा को श्रम-विभाजन का ही एक रूप न मानने के पीछे आंबेडकर के क्या तर्क हैं?

Answer

श्रम विभाजन मनुष्य की रूचि पर नहीं बल्कि उसके जन्म पर आधारित है जो उसका जातिवाद का पोषक होता है I
- व्यक्ति की योग्यता और श्रमताओ की उपेक्षा की जाती थी I
- व्यक्ति के जन्म से पहले ही उसके माता पिता के सामाजिक स्तर के आधार पर उसका पेशा निधारित कर देता था I
- व्यक्ति को अपना व्यवसाय बदलने या चुनने की अनुमति नहीं होती थी I
- सकट में भी बदलने की अनुमति नहीं हो बेरोजगारी या भूखो मरने की नोबत ही क्यों न आ जाये I

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