Question 4: निम्न पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए-नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर का मज़ार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए। ऐसा काम ढूँढ़ना जहाँ कुछ ऊपरी आय हो। मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चाँद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है। ऊपरी आय बहता हुआ स्रोत है जिससे सदैव प्यास बुझती है। वेतन मनुष्य देता है, इसी से उसमें वृद्धि नहीं होती। ऊपरी आमदनी ईश्वर देता है, इसी से उसकी बरकत होती है, तुम स्वयं विद्वान हो, तुम्हें क्या समझाऊँ।
(क) यह किसकी उक्ति है?
(ख) मासिक वेतन को पूर्णमासी का चाँद क्यों कहा गया है?
(ग) क्या आप एक पिता के इस वक्तव्य से सहमत हैं?
Answer:
(क) यह उक्ति बूढ़े मुशीजी की थी I
(ख) मासिक वेतन को पूर्णवासी का चाँद कहता है क्योकि वह महीने में एक दिन दिखाई होता है और घटते घटते लुप्त उठा था है I
(ग) जी नहीं में एक पिता के इस वक्तव्य से सहमत नहीं था एक पिता अपने बेटे को रिशवत लेने की सलाह नहीं देता और न देनी चाहिए I
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