Question 4

तुम्हें भूल जाने की
दक्षिण ध्रुवी अधिकार-अमावस्या
शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं
झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं
इसलिए की तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने का रमणीय यह उजेला अब
सहा नहीं जाता है ।
(क) यहाँ अंधकार-अमावस्या के लिए क्या विशेषण इस्तेमाल किया गया है और उससे विशेष्य में क्या अर्थ जुड़ता हैं ।
(ख) कवि ने व्यक्तिगत संदर्भ में किस स्थिति को अमावस्या कहा हैं?
(ग) इस स्थिति से ठीक  वाले शब्द का व्याख्यापूवक उल्लेख करें
(घ) कवि अपने संबोध्य (जिसको कविता संबोधित हैं कविता का ‘तुम) को पूरी तरह भूल जाना चाहता है। इस बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए कवि ने क्या युक्ति अपनाई हैं? रेखांकित अंशों को ध्यान में रखकर उत्तर दें।

Answer

1-- यहा अधकार – अमावस्या के लिए दक्षिण धुवी विशेषण इस्तेमाल किया हुआ है और विशेष्य के रूप में अधकार का प्रयोग करते रहने से उसका धनत्व और अधिक बढ गया है अथार्त गहन अधकार छा रहा है I 

2 – कवि स्वय को प्रेमी स्नेह के उजाले से दूर रखने कि स्थिति को अमावस्या कहा है प्रिय से अलग और निराशा पूर्ण स्थिति को अधकारमय बता रहा है I




3 – इस स्थिति से ठीक विपरीत ठहरने वाली स्थिति – अच्छादित रहने का रमणीय यह उजेला कवि ने प्रियतमा की आभा से प्रेम क्र सुखद भावो से सदेव घिरे रहने के स्थिति को उजाले के रूप में चिंतित किया जाता है यह उजाला कवि को जीवन में मार्ग टो दिखाता है लेकिन इतना प्रेम उसके लिए असहनीय हो रहा है I


4- कवि कहता है कि वह अपने प्रिय को पूरी तरह भूल जाना चाहते है उसके वियोग के अधकार को अपने शरीर पर झेलते हुए वह उस अधकार में नहा लेना चाहता हसी ताकि उसके प्रिय की कोई उसके मन में न रहे इस प्रकार कवि वियोग कि अधकार – अमावस्या में डूब जाना चाहता है I

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