आप अपने समाज से कुछ ऐसे प्रसंग का उल्लेख करें
(क) जब पैसा शक्ति के परिचायक के रूप में प्रतीत हुआ।
(ख) जब पैसे की शक्ति काम नहीं आई।
(क). जब बड़ा से बड़ा अपराधी अपने पेसे की शक्ति से निर्दोष साबित करता है तब हमें पैसा शक्ति के परिचारक के रूप में प्रतीत करता है I
(ख). असाध्य बीमारी के कारण म्रत्यु के निकट पहुचे होते है व्यक्ति के आगे पेसे की शक्ति काम नही करती है जब समय और भाग्य प्रतिकूल हो तब भी पैसा काम नही आता था I
बाज़ार किसी का लिंग, जाति, धर्म या क्षेत्र नहीं देखता, वह देखता है सिर्फ उसकी क्रय शक्ति को। इसे रूप में वह एक प्रकार से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है। आप इससे कहाँ तक सहमत हैं?
बाज़ारूपन’ से क्या तात्पर्य है? किस प्रकार के व्यक्ति बाजार को सार्थकता प्रदान करते हैं अथवा बाज़ार की सार्थकता किसमें हैं?
बाजार में भगत जी के व्यक्तित्व का कौन-सा सशक्त पहलू उभरकर आता है? क्या आपकी नज़र में उनको आचरण समाज में शांति स्थापित करने में मददगार हो सकता है?
‘बाज़ार दर्शन’ पाठ में बाज़ार जाने या न जाने के संदर्भ में मन की कई स्थितियों का जिक्र आया है। आप इन स्थितियों से जुड़े अपने अनुभवों का वर्णन कीजिए।
बाजार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है?
स्त्री माया न जोड़े यहाँ मया शब्द किस ओर संकेत कर रहा है? स्त्रियों द्वारा माया जोड़ना प्रकृति प्रदत्त नहीं, बल्कि परिस्थितिवश है। वे कौन-सी परिस्थितियाँ होंगी जो स्त्री को माया जोड़ने के लिए विवश कर देती हैं?
बाज़ार दर्शन’ पाठ में किस प्रकार के ग्राहकों की बात हुई है? आप स्वयं को किस श्रेणी का ग्राहक मानते/मानती हैं?
आप बाज़ार की भिन्न-भिन्न प्रकार की संस्कृति से अवश्य परिचित होंगे। मॉल की संस्कृति और सामान्य बाज़ार और हाट की संस्कृति में आप क्या अंतर पाते हैं? पर्चेजिंग पावर आपको किस तरह के बाजार में नजर आती है?
कविता के किन उपमानों को देखकर यह कहा जा सकता है कि ‘उषा’ कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्द-चित्र है।
‘अस्थिर सुख पर दुख की छाया’ पंक्ति में ‘दुख की छाया’ किसे कहा गया हैं और क्यों?
कवितावली में उद्धृत छंदों के आधार पर स्पष्ट करें कि तुलसीदास को अपने युग की आर्थिक विषमता की अच्छी समझ है।
शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?
छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?
भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा?
लोगों ने लड़कों की टोली की मेढक-मंडली नाम किस आधार पर दिया? यह टोली अपने आपको इंदर सेना कहकर क्यों बुलाती थी?
कुश्ती के समय ढोल की आवाज़ और लुट्ट्टन के दाँव-पेंच में क्या तालमेल था? पाठ में आए ध्वन्यात्मक शब्द और ढोल की आवाज़ आपके मन में कैसी ध्वनि पैदा करते हैं, उन्हें शब्द दीजिए।
लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि अभी चैप्लिन पर करीब 50 वर्षों तक काफ़ी कुछ कहा जाएगा?
सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?
हृदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी कभी-कभी जरूरी हो जाती है – प्रस्तुत पीठ के आधार पर स्पष्ट करें।
जहाँ उपमेय में उपमान का अरोप हो, रूपक कहलाता है। इस कविता में से रूपक का चुनाव करें।
शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारे ऐंद्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।
रचना के संदर्भ में अंधड़ और बीज क्या हैं?
ढोलक की थाप मृत गाँव में संजीवनी भरती रहती थी-कला और जीवन के संबंध को ध्यान में रखते हुए चर्चा कीजिए।
‘प्रेरणा’ शब्द पर सोचिए और उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन के वे प्रसंग याद कीजिए जब माता-पिता, दीदी-भैया, शिक्षक या कोई
महपुरुष/महानारी आपके औधेरे क्षणों में प्रकाश भर गए।
रस को अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?
पाठ में मलेरिया और हैजे से पीड़ित गाँव की दयनीय स्थिति को चित्रित किया गया है। आप ऐसी किसी अन्य आपद स्थिति की कल्पना करें और लिखें कि आप ऐसी स्थिति का सामना कैसे करेंगे/करेंगी?
पेट ही को पचत, बेचते बेटा-बेटकी’ तुलसी के युग का ही नहीं आज के युग का भी सत्य है। भुखमरी में किसानों की आत्महत्या और संतानों (खासकर बेटियों) को भी बेच डालने की हृदयविदारक घटनाएँ हमारे देश में घटती रही हैं। वर्तमान परिस्थितियों और तुलसी के युग की तुलना करें।
● अपने परिवेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूयस्ति का शब्द-चित्र खींचिए।