Question 4

बाज़ार किसी का लिंग, जाति, धर्म या क्षेत्र नहीं देखता, वह देखता है सिर्फ उसकी क्रय शक्ति को। इसे रूप में वह एक प्रकार से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है। आप इससे कहाँ तक सहमत हैं? 

Answer

हम इस बात से पूरी तरह सहमत है क्योकि आज हम जीवन के प्रत्येक पढाई , आवास, राजनीति , धार्मिक स्थल आदि सभी में लिग , जाति धर्म के आधार पर होने वाले विभिन्न भेदभाव करते है किन्तु बाज़ार इस विचारधारा से अलग करता है I

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