‘ भय ‘ शब्द पर सोचिए । सोचिए की मन में किन-किन चीज़ों का भय बैठ है । उससे निपटने के लिए आप क्या करते हैं और कवि की मनःस्थिति से अपनी मनःस्थिति की तुलना कीजिए।
लोग कई तरह के भय का सामना करते है कुछ खोने का दर टो कुछ न पाने का दर मुझे भी कई बार दर लगा रहेता है परीक्षा का भय अकेलेपन का भय आदि भय से ग्रस्त व्यक्ति को उस चीज़ के अलावा कुछ नही सूझता परीक्षा के भय से निबटने के लिए में अपने माता पिता एव् मित्र कि
सलाह लेता रहता हू और अकेलेपन के लिए किताबो को अपना मित्र बना लिया है भय से लड़ने के लिए आवश्यक है कि अच्छे बुरे परिणाम क्र लिए हमेशा तैयार रखना चाहिये I
‘प्रेरणा’ शब्द पर सोचिए और उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन के वे प्रसंग याद कीजिए जब माता-पिता, दीदी-भैया, शिक्षक या कोई
महपुरुष/महानारी आपके औधेरे क्षणों में प्रकाश भर गए।
तुम्हें भूल जाने की
दक्षिण ध्रुवी अधिकार-अमावस्या
शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं
झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं
इसलिए की तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने का रमणीय यह उजेला अब
सहा नहीं जाता है ।
(क) यहाँ अंधकार-अमावस्या के लिए क्या विशेषण इस्तेमाल किया गया है और उससे विशेष्य में क्या अर्थ जुड़ता हैं ।
(ख) कवि ने व्यक्तिगत संदर्भ में किस स्थिति को अमावस्या कहा हैं?
(ग) इस स्थिति से ठीक वाले शब्द का व्याख्यापूवक उल्लेख करें
(घ) कवि अपने संबोध्य (जिसको कविता संबोधित हैं कविता का ‘तुम) को पूरी तरह भूल जाना चाहता है। इस बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए कवि ने क्या युक्ति अपनाई हैं? रेखांकित अंशों को ध्यान में रखकर उत्तर दें।
‘बहलाती-सहलाती आत्मीयता बरदाश्ता नहीं होती है‘ और कविता के’ शीर्षक ‘सहर्ष स्वीकारा है ‘ में आप कैसे अंतर्विरोध पाते हैं। चर्चा कीजिए।
इस कविता में और भी टिप्पणी-योग्य पद-प्रयोग है। एसे किसी एक प्रयोग का अपनी ओर से उल्लेख करके उस पर टिप्पणी करें।
व्याख्या कीजिए :
जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है।
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा हैं!
उपर्युक्त पंक्तियों की व्याख्या करते हुए यह बताइए कि यहाँ चाँद की तरह आत्मा पर झुका चेहरा भूलकर अंधकार- अमावस्या में नहाने की बात क्यों की गई है ?
टिपण्णी कीजिए : गरबीली गरबी, भीतर की सरिता, बहलाती – सहलाती आत्मीयता, ममता के बादल। [CBSE (Outside), 2011] (C)]
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