संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन? यहाँ ‘सोना’ और ‘जागना’ किसके प्रतीक हैं? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है? स्पष्ट कीजिए।
कबीर के अनुसार जो व्यक्ति केवल सासारिक सुखो में डूबा रहता था और जिसके जीवन का उदेश्य केवल खाना पीना और सोना था व्ही व्यक्ति सुखी था कवि के अनुसार अज्ञानता का प्रतीक था और जागना ज्ञान का प्रतीक था जो लोग सासारिक सुखो में में खोए रहते थे I
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
1. हरि आप हरो जन री भीर ।
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।
भगत कारण रूप नरहरि, धर्योो आप सरीर।
2. बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर ।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर ।
3. चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची ।
भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनू बाताँ सरसी ।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।
2. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?
3. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?
4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?
5. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?
6. बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्त्वपूर्ण कहा है?
7. बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि-
फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफाई क्यों कर दिया जाता है?
आत्मत्राण’ शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
1.सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही;
वशीकृता सदैव है बनी हुई स्वयं मही।
विरुद्धवाद बुद्ध का दया-प्रवाह में बहा,
विनीत लोकवर्ग क्या न सामने झुका रहा?
2. रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं।
3. चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़े उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने क्या उपाय सुझाया है?
फ़िल्म निर्माता के रूप में शैलेंद्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?
2. एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
3. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?
4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों ?
5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?
कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?
ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे?
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।
2. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?
3. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?
4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?
5. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?
6. बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्त्वपूर्ण कहा है?
7. बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि-
गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?
लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है, उसी में जीना चाहिए। लेखक ने ऐसा क्यों कहा होगा? स्पष्ट कीजिए।
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
1. हरि आप हरो जन री भीर ।
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।
भगत कारण रूप नरहरि, धर्योो आप सरीर।
2. बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर ।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर ।
3. चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची ।
भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनू बाताँ सरसी ।
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
1.सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही;
वशीकृता सदैव है बनी हुई स्वयं मही।
विरुद्धवाद बुद्ध का दया-प्रवाह में बहा,
विनीत लोकवर्ग क्या न सामने झुका रहा?
2. रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं।
3. चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़े उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
2. ‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है?
3. ‘सहस्र दृग-सुमन’ से क्या तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?
4. कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?
5. पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?
6. शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धंस गए?
7. झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?
किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?