Question 8

आंशय स्पष्ट करें आकाश से टूटकर यदि कोई भावुक तारा पृथ्वी पर जाना भी चाहता तो उसकी ज्योति और शक्ति रास्ते में ही शेष हो जाती थी। अन्य तारे उसकी भावुकता अथवा असफलता पर खिलखिलाकर हँस पड़ते थे।

Answer

प्रस्तुत पक्ति का आशय लोगो के असहनीय दुःख से थे टूटते तारे के माध्यम से लेखक कहते है कि अकाल और महामारी से त्रस्त गाव वालो की पीड़ा को दूर करने वाला कोई नहीं रहता है प्रकति भी गाव वालो को दुःख से दुखी रहती है तारो की शक्ति का ताकिक्र एव मानवीय रूप से उलेख करते थे I

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