Question 3

आशय स्पष्ट करें-

(क) सस्मित-वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है। तट पर खड़ा गगन-गगा के मधुर गीत गाता है।
(ख) कैसी मधुर मनोहर उज्ज्वल हैं यह प्रेम कहानी। जी में हैं अक्षर बन इसके बनूँ विश्व की बानी।

 

Answer

(क) प्रस्तुत पक्तियों के द्वारा कवि ने रात्रि सोदर्य का वर्णन किया था कवि कहते है कि जब रात को अधेरा छाने के बाद आकाश में तारे सज होते थे तब संसार का स्वामी मुस्कुराते हुए धीमी गति से आता था I                                                                                                               
(ख) प्रस्तुत पक्ति का आशय प्रकति सोदर्य की प्रेम कहानी से होती थीकवि के कहने का तात्पर्य यह है कि समुद्र तट पर संसार में द्रश्य इतने मनोहारी होते थे जेसे प्रेम कहानी चल रही थी और कवि इस कहानी को अपने शब्दों में व्यक्त करना चाह रहा था I

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