Question 4

कविता में कई स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। ऐसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखें।

 

 

 

Answer

कविता में कवि ने अनेक स्थलों में संसार का मानवीकरण किया था जो निम्नलिखित थे
1. प्रतिश्रण नूतन वेश बनाकर रंग बिरग निराला I रवि के सम्मुख थिरक थी नभ में वारिद माला I भाव – प्रस्तुत पक्तियों में कवि ने बादलो को रंग बिरगी नर्तकी के रूप में सूर्य के सामने न्रत्य करते हुए दर्शाया था I                                                                                                              
2. रत्नाकर गर्जन करता था I भाव – प्रस्तुत पंक्तियों में समुद्र को किसी वीर की भाति गर्जन करते हुए दर्शया गया था I                                                                                                  
3. लाने को निज पुण्य भूमि पर लक्ष्मी की असवारी I रत्नाकर से निर्मित कर दी स्वर्ण सडक अति प्यारी I भाव प्रस्तुत पक्तियो में सूर्य की रश्मियों से बनी चोडी उजली रेखा को मानो लक्ष्मी के स्वागत के लिए बनाई गई सुनहरी सडक के रूप में दर्शया गया था I                                     
4. ससिम्त वदन जगत का स्वामी म्रदु गति से आता था I तट पर खड़ा गगन गंगा के मधुर गीत गाता था I

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