Question 4

‘यह सच है कि यहाँ किसी अगन की टूटी-फूटी सीढ़ियाँ अब आपको कहीं नहीं ले जातीं; वे आकाश की तरफ अधूरी रह जाती हैं। लेकिन उन अधूरे पायदानों पर खड़े होकर अनुभव किया जा सकता है कि आप दुनिया की छत पर हैं, वहाँ से आप इतिहास को नहीं, उसके पार झाँक रह हैं।” इस कथन के पीछ लखक का क्या आशय हैं?

Answer

इस कथन से लेखक का आशय थे कि इन टूटे फूटे घरो की सीढयो पर खड़े होकर आप विशव की विकसित है सिन्धु सभ्यता के दर्शन करते थे क्योकि सिन्धु सभ्यता विशव की महान सभ्यताओं में से एक है जो सबसे अधिक उन्नत और विकसित है सिन्धु सभ्यता आडबररहित एव अनुशासनप्रिय था I इसकी नगर योजना अदितीय था I जिसने भविष्य के लिए आदर्श प्रस्तुत करता था I

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