‘जूझ’ शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथा नायक की किसी केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता हैं।
पाठ का शीर्षक किसी भी रचना के मुख्य केंदीय भाव को व्यक्त करता था जूझ का अर्थ है सघर्ष इसमें कथानायक आनद की पढाई लिखाई बीच में रोककर उससे खेती बोरी के कार्यो में लगा दिया है किन्तु लेखक पढना चाहता है इसलिए उसने पिता की इच्छा के विरूद्ध पाठशाला जाने के लिए सघर्ष था जिसे पाठ का शीर्षक पूर्णत अभिव्यक्त करता था I
यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
स्वय कविता रच लेने का आत्मविश्वास लखक के मन में कैस पैदा हुआ?
आपके खयाल से पढ़ाई-लिखाई के सबध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था या लखक के पिता का2 तक सहित
सिंधु-सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य-बोध हैं जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर समाज-पोषित था।” ऐसा क्यों कहा गया?
‘समहाउ इप्रॉपर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या सबध बनता है?
कविता के प्रति लगाव से पहल और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या बदलाव आया?
वर्तमान समय में परिवार की सरंचना, स्वरूप से जुड़ आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामजस्य बैठा पाते है?
श्री सोंदलगकर के अध्यापन की उन विशषताओं को रेखांकित करें जिन्होंने कविताओं के प्रति लेखक के मन में रुचि जगाई।
निम्नलिखित में से किस आप कहानी की मूल सवेदना कहगे/कहगी और क्यों?
पुरातत्व के किन चिहनों के आधार पर आप यह कह सकते हैं कि-‘सिंधु-सभ्यता ताकत से शासित होने की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता थी?”
पाठ में ‘जो हुआ होगा ‘ वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते/सकती हैं?
यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है? दिए गए तीन कथनों में से आप जिसके समर्थन में हैं, अपने अनुभवों और सोच के आधार पर उसके लिए तर्क दीजिए
वर्तमान समय में परिवार की सरंचना, स्वरूप से जुड़ आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामजस्य बैठा पाते है?
‘यह सच है कि यहाँ किसी अगन की टूटी-फूटी सीढ़ियाँ अब आपको कहीं नहीं ले जातीं; वे आकाश की तरफ अधूरी रह जाती हैं। लेकिन उन अधूरे पायदानों पर खड़े होकर अनुभव किया जा सकता है कि आप दुनिया की छत पर हैं, वहाँ से आप इतिहास को नहीं, उसके पार झाँक रह हैं।” इस कथन के पीछ लखक का क्या आशय हैं?
स्वय कविता रच लेने का आत्मविश्वास लखक के मन में कैस पैदा हुआ?
कविता के प्रति लगाव से पहल और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या बदलाव आया?
सिंधु-सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य-बोध हैं जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर समाज-पोषित था।” ऐसा क्यों कहा गया?
आपके खयाल से पढ़ाई-लिखाई के सबध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था या लखक के पिता का2 तक सहित
‘समहाउ इप्रॉपर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या सबध बनता है?