''अपना सोना खोटा तो परखवैया का कौन दोस?'' से लेखक का क्या तात्पर्य है?
इसका तात्पर्य था कि यदि दोष हमारी वस्तु में था हमे परखने वाले को दोष नही देना था जो उस वस्तु में होता था परखने वाले को किसी भी प्रकार से दोषी नही ठहराया जा सकता था लेखक पुरातत्व महत्व की वस्तु को देखते ही अपने साथ ले जाता है उसकी इस आदत से सभी परिचित है कही भी मूर्ति गायब हो जाती है लोग लेखक का नाम लेते है I
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
भद्रमथ शिलालेख की क्षतिपूर्ति कैसे हुई? स्पष्ट कीजिए।
''चांद्रायण व्रत करती हुई बिल्ली के सामने एक चूहा स्वयं आ जाए तो बेचारी को अपना कर्तव्य पालन करना ही पड़ता है।''- लेखक ने यह वाक्य किस संदर्भ में कहा और क्यों?
गाँववालों ने उपवास क्यों रखा और उसे कब तोड़ा? दोनों प्रसंगों को स्पष्ट कीजिए।
दो रुपए में प्राप्त बोधिसत्व की मूर्ति पर दस हज़ार रुपए क्यों न्यौछावर किए जा रहे थे?
लोकोक्तियों का संदर्भ सहित अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(क) चोर की दाढ़ी में तिनका
(ख) ना जाने केहि भेष में नारायण मिल जाएँ
(ग) चोर के घर छिछोर पैठा
(घ) यह म्याऊँ का ठौर था
निम्नलिखित का अर्थ स्पष्ट कीजिए
(क) इक्के को ठीक कर लिया
(ख) कील काँटे से दुरस्त था।
(ग) मेरे मस्तक पर हस्बमामूल चंदन था।
(घ) सरखाब का पर
लेखक अपने संग्रहालय के निर्माण में किन-किन के प्रति अपना आभार प्रकट करता है और किसे अपने संग्रहालय का अभिभावक बनाकर निश्चित होता है?
''ईमान! ऐसी कोई चीज़ मेरे पास हुई नहीं तो उसके डिगने का कोई सवाल नहीं उठता। यदि होता तो इतना बड़ा संग्रह बिना पैसा-कौड़ी के हो ही नहीं सकता।'' - के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
लेखक बुढ़िया से बोधिसत्व की आठ फुट लंबी सुंदर मूर्ति प्राप्त करने में कैसे सफल हुआ?
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
कविता में पंचवटी के किन गुणों का उल्लेख किया गया है?
घनानंद की रचनाओं की भाषिक विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
'खाली कटोरों में वसंत का उतरना' से क्या आशय है?
कुटज के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है?
बच्चे का उधर-उधर कहना क्या प्रकट करता है?
कवि 'नयन न तिरपित भेल' के माध्यम से विरहिणी नायिका की किस मनोदशा को व्यक्त करना चाहता है?
संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
(क) झूठी बतियानि की पत्यानि तें उदास है, कै ...... चाहत चलन ये संदेशो लै सुजान को।
(ख) जान घनआनंद यों मोहिं तुम्है पैज परी ....... कबहूँ तौ मेरियै पुकार कान खोलि है।
(ग) तब तौ छबि पीवत जीवत हे, .................बिललात महा दुःख दोष भरे।
(घ) ऐसो हियो हित पत्र पवित्र ..... टूक कियौ पर बाँचि न देख्यौ।
पाठ से प्रश्नवाचक वाक्यों को छाँटिए और संदर्भ के साथ उन पर टिप्पणी लिखिए।
इन पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
(क) बड़ी हवेली अब नाममात्र की ही बड़ी हवेली है।
(ख) हरगोबिन ने देखी अपनी आँखों से द्रौपदी की चीरहरण लीला।
(ग) बथुआ साग खाकर कब तक जीऊँ?
(घ) किस मुँह से वह ऐसा संवाद सुनाएगा।
औद्योगीकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, क्यों और कैसे?