व्याख्या करें
ज़ोर ज़बरदस्ती से बात की चूड़ी मर गई और वह भाषा में बेकार घूमने लगी।
कवि कहते हैं कि एक बार वह सरल सीधे कथ्य की अभिव्यक्ति करते समय भाषा को अलंकृत रखने के चक्कर में ऐसा फंस गया कि वह अपनी मूल बात को प्रकट ही नहीं कर पाया और उसे कथ्य ही बदला बदला सा लगने लगा है। कवि कहते है कि जिस प्रकार जोर जबरदस्ती करवाने से कील की चूड़ी मर जाती है और तब चूड़ी विहीन कील को सिर्फ ठोकना ही बाकि रह जाता है ना की उसे घुमाकर कसा जा सकता है, उसी प्रकार कथ्य के अनुकूल भाषा का प्रभाव नष्ट होना मतलब, अर्थ का अनर्थ होता हैI
भाषा को ‘सहूलियत’ से बरतने से क्या अभिप्राय हैं?
बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में ‘सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती हैं? कैसे?
कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?
बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करें।
बिंब/मुहावरा |
विशेषता |
(क) बात की चूड़ी मर जाना |
कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना |
(ख) बात की पेंच खोलना |
बात का पकड़ में न आना। |
(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना |
बात का प्रभावहीन हो जाना |
(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना |
बात में कसावट का न होना। |
(ङ) बात का बन जाना |
बात को सहज और स्पष्ट करना |
कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने’ क्या होते हैं?
“उड़ने’ और “खिलने” का कविता से बया सबंध बनता हैं?
इस कविता के बहाने बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है?
बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें।
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‘अस्थिर सुख पर दुख की छाया’ पंक्ति में ‘दुख की छाया’ किसे कहा गया हैं और क्यों?
कवितावली में उद्धृत छंदों के आधार पर स्पष्ट करें कि तुलसीदास को अपने युग की आर्थिक विषमता की अच्छी समझ है।
शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?
छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?
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बाजार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है?
लोगों ने लड़कों की टोली की मेढक-मंडली नाम किस आधार पर दिया? यह टोली अपने आपको इंदर सेना कहकर क्यों बुलाती थी?
कुश्ती के समय ढोल की आवाज़ और लुट्ट्टन के दाँव-पेंच में क्या तालमेल था? पाठ में आए ध्वन्यात्मक शब्द और ढोल की आवाज़ आपके मन में कैसी ध्वनि पैदा करते हैं, उन्हें शब्द दीजिए।
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इस कविता में और भी टिप्पणी-योग्य पद-प्रयोग है। एसे किसी एक प्रयोग का अपनी ओर से उल्लेख करके उस पर टिप्पणी करें।
तुलसी ने यह कहने की ज़रूरत क्यों समझी? धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूतु कहौ, जोलहा कहौ कोऊ/काहू की बेटीसों बेटा न ब्याहब, काहूकी जाति बिगार न सोऊ। इस सवैया में काहू के बेटासों बेटी न ब्याहब कहते तो सामाजिक अर्थ में क्या परिवर्तन आती?
कालिदास के रघुवंश महाकाव्य में पत्नी (इंदुमती) के मृत्यु-शोक पर ‘अज’ तथा निराला की ‘सरोज-स्मृति’ में पुत्री (सरोज) के मृत्यु-शोक पर पिता के करुण उद्गार निकले हैं। उनसे भ्रातृशोक में डूबे राम के इस विलाप की तुलना करें।
शोकग्रस्त माहौल में हनुमान के अवतरण को करुण रस के बीच वीर रस का आविर्भाव क्यों कहा गया है?
● अपने परिवेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूयस्ति का शब्द-चित्र खींचिए।
भ्रातृशोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। क्या आप इससे सहमत हैं? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हलकी और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया गया है?
हम समर्थ श्यक्तिवान और हम एक दुर्बल को लाएँगे’ पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया हैं?
सबसे तेज बौछारें गयीं, भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवतन कवि ने दिखाया हैं, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।