प्रथम दो छंदों में से अलंकार छाँटकर लिखिए और उनसे उत्पन्न काव्य-सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए।
पहला पद – यह दुःख न जाने कतू जोबन जरम करे भसमतू I प्रस्तुत पद की भाषा अवधी शब्दों का इतना सटीक वर्णन किया था कि भाषा प्रवाहमी और गेयता के गुणों से भरी थी भाषा सरल और सहज था इसमें दुःख दगध तथा जोबर जर में अनुप्रास अलंकार थे वियोग से उत्पन्न विरह को बहुत मार्मिक रूप में वर्णन किया गया था I
दूसरा पद – बिरह बाढ़ी भा दारुन सीऊ कपि कपि मरो लेहि हरि जीऊ I प्रस्तुत पद की भाषा अवधी थी शब्दों का इतना सटीक वर्णन किया गया था कि बाशा प्रवाहमयी और गेयता के गुणों से भरी थी भाषा सरल और सहज थी बिरह बाढ़ी में अनुप्रास अलंकार था I
माघ महीने में विरहिणी को क्या अनुभूति होती है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
वृक्षों से पत्तियाँ तथा वनों से ढाँखें किस माह में गिरते हैं? इससे विरहिणी का क्या संबंध है?
निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
(क) पिय सौं कहेहु सँदेसड़ा, ऐ भँवरा ऐ काग।
(ख) रकत ढरा माँसू गरा, हाड़ भए सब संख।
(ग) तुम्ह बिनु कंता धनि हरुई, तन तिनुवर भा डोल।
(घ) यह तन जारौं छार कै, कहौं कि पवन उड़ाउ।
जीयत खाइ मुएँ नहिं छाँड़ा' पंक्ति के संदर्भ में नायिका की विरह-दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए-
(क) नत नयनों से लोक उतर
(ख) श्रृंगार रहा जो निराकार
(ग) पर पाठ अन्य यह, अन्य कला
(घ) यदि धर्म, रहे नत सदा माथ
गाड़ी पर सवार होने के बाद संवदिया के मन में काँटे की चुभन का अनुभव क्यों हो रहा था? उससे छुटकारा पाने के लिए उसने क्या उपाय सोचा?
साहित्य के 'पांचजन्य' से लेखक का क्या तात्पर्य है? 'साहित्य का पांचजन्य' मनुष्य को क्या प्रेरणा देता है?
''मानव संबंधों से परे साहित्य नहीं है।'' इस कथन की समीक्षा कीजिए।
राजा ने जनता को हुक्म क्यों दिया कि सब लोग अपनी आँखें बंद कर लें?
जनता राजा की स्थिति की ओर से आँखें बंद कर ले तो उसका राज्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा? स्पष्ट कीजिए।
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
'निस्संदेह' शब्द को लेकर लेखक ने किस प्रसंग का ज़िक्र किया है?
"इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था।" यह कथन किसके संदर्भ में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।
प्रस्तुत कविता दुख और निराशा से लड़ने की शक्ति देती है? स्पष्ट कीजिए।