Question 2

जीयत खाइ मुएँ नहिं छाँड़ा' पंक्ति के संदर्भ में नायिका की विरह-दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

Answer

नागमति का पति परदेश गया हुआ था पति की अनुपस्थिति उसे भयकर लगती थी वह पति के वियोग में जल रही थी एक स्थान पर पति के वियोग से उत्पन्न विरह को उसने बाज रूप में चित्रित किया था जिस तरह बाज अपने शिकार को नोच नोचकर का जाता था वेसे ही विरह रुपी बाज नागमती को जीवित नोच नोचकर खा रहा था उसे लगता था जेसे विरह रुपी बाज उसे अपना शिकार बनाने के नजर गडाए बेठा था I

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