Question 6

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए।

(क) भावी भूत बर्तमान जगत बखानत है 'केसोदास' क्यों हू ना बखानी काहू पै गई।

(ख) अघओघ की बेरी कटी बिकटी निकटी प्रकटी गुरूजान-गटी।

Answer

(क) प्रस्तुत पक्ति का आशय था है देवी सरस्वती की महता इस संसार में अद्धितीय था प्राचीनकाल से लेकर आज तक लोग इनकी महिमा का बखान करने का प्रयास करते थे परन्तु न तब सभव है और न आज सभव था इसका कारण यह था कि उनके स्वभाव में नित्य नवीनता विधमान रहती थी भाव यह था कि लोग उनसे चमत्कृत हो जाते थे और उनकी बुदि चकरा जाती थी I

(ख) प्रस्तुत पक्तियों में पचवटी के सोंदर्य तथा पवित्रता का वर्णन देखने को मिलता था कवि के अनुसार पचवटी के दर्शन मात्र से ही घोर पापो के बधनो से मुक्ति प्राप्त हो जाती थी इसके अंदर ज्ञान के भडार भरे पड़े थे यहा जाकर इसका आभास हो जाता था I

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