Question 8

निम्नलिखित वाक्यों का आशय स्पष्ट कीजिएः

(क) 'तुझे तो तैरना भी न आवे। कहीं पैर फिसल जाता तो मैं तेरी माँ को कौन मुँह दिखाती।'
 

(ख) 'उसके चेहरे पर इतना विभोर विनीत भाव था मानो उसने अपना सारा अहम् त्याग दिया है, उसके अंदर स्व से जनति कोई-कुंठा शेष नहीं है, वह शुद्ध रूप से चेतन स्वरूप, आत्माराम और निर्मलानंद है।'
 

(ग) 'एकदम अंदर के प्रकोष्ठ में चामुंडा रूप धरिणी मंसादेवी स्थापित थी। व्यापार यहाँ भी था।

Answer

(क) सभव के देर से आने चिन्ताग्रस्त नानी उसे कहती है तू तेरना नही जानता था यदि स्नान करते थे फिसल गया था तो सीधे गंगा नदी में गिर जाता था फिर तो बचना सभव नही है यदि ऐसी कोई अनहोनी हो जाती थी तेरे माता को क्या जवाब देती थी माँ यही कहती थी कि मेने नानी के पास भेजा है और मुझे बेटा देखना नसीब नही हुआ था I



(ख) सभव गंगा नदी की धारा के मध्य एक व्यक्ति को देखता था जो माँ गंगा में सूर्य को जल अर्पण कर रहा था उसके चेहरे के भावो को देखकर सभव उनकी और आकर्षित हो जाता था वह गंगा मैया के मध्य खड़े होकर प्रार्थना कर रहे है उनके चेहरे पर प्रसन्नता और विनती का बहुत सुंदर रूप है उनके चेहरे पर यह भाव है मनो उन्होंने अपने अन्दर व्याप्त अहंकार को समाप्त कर दिया है I

(ग) इन पक्तियाँ में सभव चामुडामंदिर के बारे में व्याखा करता था वहा चामुडा रूप में स्थागित  मसा देवी को देखता था इसके साथ ही वह मंदिर स्थल के आस – पास सभी व्यापारिक गतिविधियाँ भी देखता था जहां कही पूजा का सामान बिक रहा है तो कही खाने का कही रुदराक्ष बिक रहा था I

Popular Questions of Class 12 Hindi - Antra

Recently Viewed Questions of Class 12 Hindi - Antra

Write a Comment: