Question 3

'सूने विराट के सम्मुख...............दाग से!'- पंक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।

Answer

इस संसार में हर वस्तु नश्र्वर था तात्पर्य कि हर वस्तु को एक दिन समाप्त हो जाना था इस के डर से मनुष्य भयभीत रहता था मगर जब बूंद सागर से श्रणभर के लिए अलग होती थी तो उसे नष्ट होने का डर समाप्त हो जाता था यह वह श्रण होता था जब वह स्वय के जीवन को या अस्तित्व को सार्थक कर देती थी मधुर मिलने से प्राप्त प्रकाश इस कलक को धो डालता था कि मनुष्य जीवन भी एक दिन समाप्त हो जाता था I

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