Question 3

"मैंने निज दुर्बल..... होड़ लगाई" इन पंक्तियों में 'दुर्बल पद बल' और 'हारी होड़' में निहित व्यंजना स्पष्ट कीजिए।

Answer

दुर्बल पद बल में निहित व्यजना देवसेना के बल का ज्ञान कराती थी अथार्त देवसेना अपने ब की सीमा को बहुत अच्छी तरह से जानती थी उन्हें पता था वह बहुत कमज़ोर थी इसके बाद भी वह अपने भाग्य से लद रहा था I हारी होड़ पक्ति में निहित व्यजना देवसेना जानती थी की प्रेम में उन्हें हार ही प्राप्त होती थी I

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