काबुली-कायदा .......................................................................................................
रोम-रोम कलपने लगा ..............................................................................................
अगहनी धान ...........................................................................................................
काबुली कायदा इसका अर्थ था कि काबुल से आए व्यक्ति के द्वारा बनाए गए नियम कानून हरगोबिन के गाँव में काबुल से आए व्यक्ति उधार क्प्दादेने आता है वह जब उधार कपड़ा देता है वह जब उधार कपड़ा देता था बड़ी विन्रमता से बात करता है लेकिन जब उधार वापिस माँगता था जुल्म की हद पार कर देता है I इसलिए यह कहावत बन कई काबुली – कायदा I रोम – रोम कलपने लगा – इसका अर्थ था कि किसी बात से परेशान होकर रोम – रोम दुःख से परेशान होने लगा था I अगहनी धान – अगहन मास में होने वाले धान को अगहनी धान कहा गया था यह दिसबर आस – पास का समय माना जाता था I
गाड़ी पर सवार होने के बाद संवदिया के मन में काँटे की चुभन का अनुभव क्यों हो रहा था? उससे छुटकारा पाने के लिए उसने क्या उपाय सोचा?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
बड़ी बहुरिया अपने मायके संदेश क्यों भेजना चाहती थी?
हरगोबिन बड़ी हवेली में पहुँचकर अतीत की किन स्मृतियों में खो जाता है?
'संवदिया डटकर खाता है और अफर कर सोता है' से क्या आशय है?
संवाद कहते वक्त बड़ी बहुरिया की आँखें क्यों छलछला आईं?
बड़ी हवेली से बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में किस प्रकार की आशंका हुई?
बड़ी बहुरिया का संवाद हरगोबिन क्यों नहीं सुना सका?
जलालगढ़ पहुँचने के बाद बड़ी बहुरिया के सामने हरगोबिन ने क्या संकल्प लिया?
इन पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
(क) बड़ी हवेली अब नाममात्र की ही बड़ी हवेली है।
(ख) हरगोबिन ने देखी अपनी आँखों से द्रौपदी की चीरहरण लीला।
(ग) बथुआ साग खाकर कब तक जीऊँ?
(घ) किस मुँह से वह ऐसा संवाद सुनाएगा।
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
बालक ने क्यों कहा कि मैं यावज्जन्म लोकसेवा करूँगा?
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
(क) 'तुझे तो तैरना भी न आवे। कहीं पैर फिसल जाता तो मैं तेरी माँ को कौन मुँह दिखाती।'
(ख) 'उसके चेहरे पर इतना विभोर विनीत भाव था मानो उसने अपना सारा अहम् त्याग दिया है, उसके अंदर स्व से जनति कोई-कुंठा शेष नहीं है, वह शुद्ध रूप से चेतन स्वरूप, आत्माराम और निर्मलानंद है।'
(ग) 'एकदम अंदर के प्रकोष्ठ में चामुंडा रूप धरिणी मंसादेवी स्थापित थी। व्यापार यहाँ भी था।
अराफात ने ऐसा क्यों बोला की ‘वे आपके ही नहीं हमारे भी नेता हैं उतने ही आदरणीय जितने आपके लिए।’ इस कथन के आधार पर गाँधी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
कवि ने अपनी पुत्री का तर्पण किस प्रकार किया?
बनारस शहर के लिए जो मानवीय क्रियाएँ इस कविता में आई हैं, उनका व्यंजनार्थ स्पष्ट कीजिए।
बालक द्वारा इनाम में लड्डू माँगने पर लेखक ने सुख की साँस क्यों भरी?
कवि को अपनी स्वर्गीया पत्नी की याद क्यों आई?
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य लिखिए-
(क) कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती है।
(ख) अतीत का समूचा मिथक संसार पोथियों में नहीं, इन रिश्तों की अदृश्य लिपि में मौजूद रहता था।
सत्य का दिखना और ओझल होना से कवि का क्या तात्पर्य है?