Question 4

मैं तुम्हारा विरोधी प्रतिद्वंद्वी या हिस्सेदार नहीं' से कवि का क्या अभिप्राय है?

Answer

 प्रस्तुत पक्तियों में कवि ऐसे तबके को सबोधित करता था जो भ्रष्टाचार तथा अनेतिकता में लिप्त था कवि कहता था कि तुम्हे मुझसे डरने या प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता नही थी क्योकि में तुम्हारा प्रतिद्दी नही था लेखक उन्हें पहले से ही आगह कर देते थे कि वह इस दोड में सम्मिलित नही था प्रस्तुत पक्ति में कवि कास विरोध तथा कुछ न कर पाने का दुःख साफ़ अभिलिक्षित होता था I

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