बूढ़े तिरलोक को पहाड़ पर चढ़ना जैसे नौकरी के बारे में सुनकर अजीब क्यों लगा?
पर्वतीय श्रेत्रों में पहाड़ पर चढना आम बात थी यह उनके देनिक जीवन का भाग था उसके लिए उन्हें किसी तरह की नोकरी आज तक मिलते नही है जब बूढ़े तिरकोल को रूप सिंह ने बताया कि वह शहर में पहाड़ पर चढना सिखाता था तो वह हेरान रह गया था उसे बात की हेरानी है कि रूप सिंह जिस नोकरी की इतनी तारीफ कर रहा था वह बस पहाड़ पर चढना सिखाना था I
चूल्हा ठंडा किया होता तो,दुश्मनों का कलेजा कैसे ठंडा होता ?नायकराम के इस कथन में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए ।
तो हम सौ लाख बार बनाएँगे । ‘ इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचन कीजिए ।
यह फूस की राख न थी उसकी अभिलाषाओं की राख थी।संदर्भ सहहत विवेचना कीजिए।
' सूरदास उठ खड़ा हुआ और विजय - गर्व की तरंग में राख के ढेर को दोनों हाथों से उड़ाने लगा । ' इस कथन के संदर्भ में सूरदास की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना चाहता था ?
भौरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ?
बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने किया है उसका वर्णन अपने शब्दो में कीजिए ।
लेखक बिसनाथ ने किन आधारो पर अपनी मां कि तूलना बतख के साथ की हैं?
प्रकृति सजीव नारी बन गई ' – इस कथन के संदर्भ में प्रकृति, नारी, और सौंदर्य की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था।उसके क्या कारण है ?
हमारे आज के इंजीनियर ऐसा क्यों समझते हैं कि वह पानी का प्रबंध जानते हैं और पहले जमाने के लोग कुछ नहीं जानते थे?
यह कहानी पढ़कर आपके मन में पहाड़ों की स्त्रियों की स्थिति की क्या छवि आपके मन में बनती है? उस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
ऐसी कौन सी स्मृति हैं जो लेखक को मृत्यु का बौध अजीब तौर से जुड़ा मिलता हैं।?
फूल केवल गंध ही नहीं देते बल्कि दवा भी करते हैं,कैसे?
तो हम सौ लाख बार बनाएँगे । ‘ इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचन कीजिए ।
बच्चे का मां का दूध पीना सिर्फ दूध पीना नहीं, मां के सारे संबंधो का जीवन – चरित होता है ' टिप्पणी कीजिए।
लेखक बिसनाथ ने किन आधारो पर अपनी मां कि तूलना बतख के साथ की हैं?
' सूरदास उठ खड़ा हुआ और विजय - गर्व की तरंग में राख के ढेर को दोनों हाथों से उड़ाने लगा । ' इस कथन के संदर्भ में सूरदास की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
रूप सिंह पहाड़ पर चढ़ने के बावजूद भूप सिंह के सामने बौना क्यों पड़ गया था?
जगधर के मन में ककस तरह का ईष्याभ-भाव जगा और क्यों?