सैलानी ( शेखर और रूप सिंह) घोड़े पर चलते हुए उस लड़के महिप के रोजगार के बारे में सोच रहे थे जिसने उन्हें घोड़े पर बैठा रखा था और खुद पैदल चल रहा था। क्या आप भी बाल मजदूरों के बारे में सोचते है?
हाँ में भी बाल मजदूरो के बारे में सोचता था हमारी कालोनी में बहुत सब्जी बेचने का काम करते थे एक बच्चा तो चायवाले के पास बर्तन धोने का काम करता था उसको देखकर मुझे दया आती थी में
नही चाहता था कि मेरी उम्र का बच्चा पढने के स्थान पर नोकरी करता था I
चूल्हा ठंडा किया होता तो,दुश्मनों का कलेजा कैसे ठंडा होता ?नायकराम के इस कथन में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए ।
तो हम सौ लाख बार बनाएँगे । ‘ इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचन कीजिए ।
यह फूस की राख न थी उसकी अभिलाषाओं की राख थी।संदर्भ सहहत विवेचना कीजिए।
' सूरदास उठ खड़ा हुआ और विजय - गर्व की तरंग में राख के ढेर को दोनों हाथों से उड़ाने लगा । ' इस कथन के संदर्भ में सूरदास की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना चाहता था ?
भौरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ?
बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने किया है उसका वर्णन अपने शब्दो में कीजिए ।
लेखक बिसनाथ ने किन आधारो पर अपनी मां कि तूलना बतख के साथ की हैं?
प्रकृति सजीव नारी बन गई ' – इस कथन के संदर्भ में प्रकृति, नारी, और सौंदर्य की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था।उसके क्या कारण है ?
बिस्नाथ पर क्या अत्याचार हो गया था?
मालवा में विक्रमादित्य, भोज और मूंज रिनेसा के बहुत पहले हो गए।’ पानी के रखरखाव के लिए उन्होंने क्या प्रबंध किए ?
तो हम सौ लाख बार बनाएँगे । ‘ इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचन कीजिए ।
' सूरदास उठ खड़ा हुआ और विजय - गर्व की तरंग में राख के ढेर को दोनों हाथों से उड़ाने लगा । ' इस कथन के संदर्भ में सूरदास की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
प्रकृति सजीव नारी बन गई ' – इस कथन के संदर्भ में प्रकृति, नारी, और सौंदर्य की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना चाहता था ?
यह फूस की राख न थी उसकी अभिलाषाओं की राख थी।संदर्भ सहहत विवेचना कीजिए।
चूल्हा ठंडा किया होता तो,दुश्मनों का कलेजा कैसे ठंडा होता ?नायकराम के इस कथन में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए ।
भौरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ?
अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था।उसके क्या कारण है ?