‘हमारी आजकी सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही है।’ क्यों और कैसे?
आज के समय में मनुष्य तेज़ी प्रगति कर रहा था परन्तु इस प्रगति ने बहुत नुकसान भी किया था प्रदूषण इस प्रगति का सबसे भयानक रूप था प्रदुषण की मार से जल थल और आकाश पूरी तरह से ग्रसित था पानी जीवन प्रदान करता था परन्तु मनुष्य ने इस अमूल्य जल ससाधन को भी प्रदूषित कर दिया था नदियाँ जो पानी का मुख्य स्त्रोत था वे प्रदुषण की चपेट में आ गई थी इनमे शहरो का गंदा पानी बहा दिया जाता था तथा कारखानों का जहरीला पदार्थ भी इसमें डाल दिया जाता था I
चूल्हा ठंडा किया होता तो,दुश्मनों का कलेजा कैसे ठंडा होता ?नायकराम के इस कथन में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए ।
तो हम सौ लाख बार बनाएँगे । ‘ इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचन कीजिए ।
यह फूस की राख न थी उसकी अभिलाषाओं की राख थी।संदर्भ सहहत विवेचना कीजिए।
' सूरदास उठ खड़ा हुआ और विजय - गर्व की तरंग में राख के ढेर को दोनों हाथों से उड़ाने लगा । ' इस कथन के संदर्भ में सूरदास की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना चाहता था ?
भौरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ?
बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने किया है उसका वर्णन अपने शब्दो में कीजिए ।
लेखक बिसनाथ ने किन आधारो पर अपनी मां कि तूलना बतख के साथ की हैं?
प्रकृति सजीव नारी बन गई ' – इस कथन के संदर्भ में प्रकृति, नारी, और सौंदर्य की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था।उसके क्या कारण है ?
बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने किया है उसका वर्णन अपने शब्दो में कीजिए ।
यह फूस की राख न थी उसकी अभिलाषाओं की राख थी।संदर्भ सहहत विवेचना कीजिए।
अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था।उसके क्या कारण है ?
कोईयां किसे कहते हैं? इसकी विशेषताएं बताइए।
पत्थर की जाति से लेखक का क्या आशय है? उसके विभिन्न प्रकारों के बारे में लिखिए?
सैलानी ( शेखर और रूप सिंह) घोड़े पर चलते हुए उस लड़के महिप के रोजगार के बारे में सोच रहे थे जिसने उन्हें घोड़े पर बैठा रखा था और खुद पैदल चल रहा था। क्या आप भी बाल मजदूरों के बारे में सोचते है?
तो हम सौ लाख बार बनाएँगे । ‘ इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचन कीजिए ।
भौरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ?
चूल्हा ठंडा किया होता तो,दुश्मनों का कलेजा कैसे ठंडा होता ?नायकराम के इस कथन में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए ।
लेखक को क्यों लगता है कि ‘हम जिसे विकास की उद्योग इक सभ्यता कहते हैं वह उजाड़ की अपसभ्यता है?’ आप क्या मानते हैं?